कोरे से पन्ने जैसे ये दिल ने कोई ग़ज़ल पाई पहली बारिश इस ज़मीं पे इश्क़ ने बरसाई हर नज़र में ढूँढी जो थी तुझ में पाई वफ़ा, हाय जान मेरी बन गया तू जान मैंने लिया तू ही मेरा मीत है जी, तू ही मेरी प्रीत है जी जो लबों से हो सके ना जुदा ऐसा मेरा गीत है जी तू ही मेरा मीत है जी, तू ही मेरी प्रीत है जी जो लबों से हो सके ना जुदा ऐसा मेरा गीत है जी तू ही मेरा मीत है ♪ हो, खोलूँ जो आँखें सुबह को मैं चेहरा तेरा ही पाऊँ ये तेरी नर्म सी धूप में अब से जहाँ ये मेरा सजाऊँ ज़रा सी बात पे जब हँसता है तू हँसती है मेरी ज़िंदगी तू ही मेरा मीत है जी, तू ही मेरी प्रीत है जी जो लबों से हो सके ना जुदा ऐसा मेरा गीत है जी तू ही मेरा मीत है जी, तू ही मेरी प्रीत है जी जो लबों से हो सके ना जुदा ऐसा मेरा गीत है जी तू ही मेरा मीत है