ये दिन हैं बदले-बदले से मेरे तुम जो आती, मुस्कुराती ये दिल से पूछता आज-कल हूँ क्या हुआ इसे, मिज़ाज बदले से मैं दिन में सपने देखूँ, रातों को मैं जागूँ तुम्हारे बारे में मैं सबको बताऊँ क्या प्यार का है ये खुमार? तुम्हारे आने से हो गई ये ज़िंदगी मेरी है हसीं ये कह रहा हूँ मैं हर घड़ी "मेरी हो तुम, तुम मेरी" ♪ वो सर्दियों की धूप सी है लगती गर्मियों की छाँव सी मुझको भाती है हवाएँ गुनगुनाने हैं लगती वक़्त रुक जाए जब वो आती है तुम एक खुशबू सी, हवाओं में घुली सी चली जो तुम जाती, वो साथ में ही रहती क्या प्यार का है ये खुमार? तुम्हारे आने से हो गई ये ज़िंदगी मेरी है हसीं ये कह रहा हूँ मैं हर घड़ी "मेरी हो तुम, तुम मेरी" तुम्हारे आने से हो गई ये ज़िंदगी मेरी है हसीं ये कह रहा हूँ मैं हर घड़ी "मेरी हो तुम, तुम मेरी"