Kishore Kumar Hits

Anurag Vashisht - Tum 2.0 текст песни

Исполнитель: Anurag Vashisht

альбом: Tum 2.0


तुम यहीं हो लगता है
तुम यहीं दिन-रात
तुम सही हो लगता है
मैं ग़लत हर बार (हर बार)
तेरा-मेरा साथ छूटा है ना
छोड़ जाना ना कभी (ना कभी)
छोड़ जाओगे तो टूट जाऊँगा मैं
रूठ जाना ना कभी (ना कभी)
तुम यहीं हो लगता है
तुम यहीं दिन-रात
तुम सही हो लगता है
मैं ग़लत हर बार (हर बार)
हाँ, तेरा हाथ हो जो मेरे हाथों में
और सर्दियों की सुबह हो
तू ख़ुश रहे, हाँ, हर जनम
तू बस मेरी हर बार हो
तुम रहे हो मेरी बाँहों में
दिन-रात, दिन-रात
तुम सही हो लगता है
मैं ग़लत हर बार (हर बार)
तेरी आँखें बताएँ मुझे वो कहानियाँ
जो तू कह ना पाया था
छुपाई थीं जो बातें, रह ना पाई राज़
ना तेरी थी मैं ख़ास कुछ अलग से
ये बता, क्या मैं थी
बस एक सहारा जो थी तेरे पास?
ये बता, क्यूँ किया
ऐसा धोखा मेरे दिल के साथ?
ਸੋਹਣਿਆ ਵੇ, ਮੈਨੂੰ ਡੋਰ ਖਿੱਚੇ ਤੇਰੀ ਓਰ
ਸੋਹਣਿਆ ਵੇ, ਮੈਨੂੰ ਫ਼ੜ ਲੈ, ਮੈਂ ਤਾਂ ਤੇਰੀ ਓਰ
ਸੋਹਣਿਆ ਵੇ, ਮੈਨੂੰ ਡੋਰ ਖਿੱਚੇ ਤੇਰੀ ਓਰ
तुम यहीं हो लगता है
तुम यहीं दिन-रात
तुम सही हो लगता है
मैं ग़लत हर बार

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2020 · сингл

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