किताबों के आख़िरी पन्नों सा लिफ़ाफ़ों में दोस्त के ख़त सा कहानियों के बीच में जहाँ है क़ैद राजकुमारी ख़बर के सुनते साथ ही निकल पड़ा है राजकुमार लगा था कुछ है ऐसा, किया था जब इज़हार कर बैठा हूँ मैं तुम से प्यार ♪ सितारे भी लिख रही ये दास्ताँ ये साज़िश में शामिल है घटा तुम आए मेरे सामने तो दिल बना बहरूपिया ना जाने कौन-कौनसा रंग छुपाए भी नहीं छुपा लगा था कुछ ऐसा, किया था जब इज़हार कर बैठा हूँ मैं तुम से प्यार तुम ने किया इनकार, मैं बेबस और लाचार कर बैठा हूँ मैं तुम से प्यार