Kishore Kumar Hits

Rahgir - Mallahe Ka Beta текст песни

Исполнитель: Rahgir

альбом: Aakhiri Teeli


किसी मल्लाहे का बेटा, जब नाव डुबाता है,
घरवालों की नज़रों में, वो नाव डुबाता है,
जिंदा रहने के सारे, वो दांव डुबाता है,
किसी मल्लाहे का बेटा, जब नाव डुबाता है.
उठाये मुट्ठी भर मिटटी तो, उसको चेहरे दे देता है वो,
उठाये कलम तो शब्दों को, मतलब गहरे दे देता है वो,
पर नालायक बन जाता है, जब पतवार उठाता है,
और इसी बात पर घरवालों के अत्याचार उठाता है,
अपने बाप दादा के खाए हुए घाव डुबाता है,
किसी मल्लाहे का बेटा जब नाव डुबाता है.
हम बड़े हैं ज्यादा जानते हैं, जो हम बोलें वो तू करता जा,
इस कुएं से हम वाकिफ हैं, ऊपर धरती से तू डरता जा,
तू मेंढक है, हम मेंढक हैं, तू मेंढक है पैन्दे में रह,
हमने सब कुछ सेट किया तू चुप से उस धंधे में रह,
सबसे लड़ बाहर आये, सारे चाव डुबाता है,
किसी मल्लाहे का बेटा, जब नाव डुबाता है,
घरवालों की नज़रों में, वो नाव डुबाता है,
जिंदा रहने के सारे, वो दांव डुबाता है,
किसी मल्लाहे का बेटा, जब नाव डुबाता है.
- राहगीर

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