जो तुम ना मिलते, होता ही क्या ढूँढ लाने को? (Mmm-mmm) जो तुम ना मिलते, होता ही क्या ढूँढ लाने को? जो तुम ना होते, होता ही क्या हार जाने को? मेरी अमानत हो तुम, मेरी मोहब्बत हो तुम तुम्हें कैसे मैं भुलाऊँ? कभी यादों में आऊँ, कभी ख़ाबों में आऊँ तेरी पलकों के साए में आकर झिलमिलाऊँ मैं वो खुशबू नहीं जो हवा में खो जाऊँ कभी यादों में आऊँ, कभी ख़ाबों में आऊँ तेरी पलकों के साए में आकर झिलमिलाऊँ