आँखों ही आँखों में ही ऐसी क्या बातें हुई? दिल ये ना जाने! बेचैनी बढ़ने लगी, साँसें भी थमने लगी, तुमसे कह ना पाए क्यूँ हुआ प्यार में तेरे फ़िदा! मुझसे तू ये बता, तेरा हूँ मैं दीवाना ज़रा पास तू तो आ क्यूँ हुआ प्यार में तेरे फ़िदा! दिल तुझपे है लूटा, तेरा हूँ मैं दीवाना ज़रा पास तू तो आ तेरी बातों में हुआ ऐसा दीवाना कहने लगे मुझे आशिक़-आवारा ख्वाबों में तू, बस तू ही है तू तेरे बिना मैं कैसे जियूँ? जबसे तुझे देखा है मैंने प्यार-मोहब्बत समझा सही में मेरी है तू, हाँ, मेरी है तू और किसी का होने ना दूँ क्यूँ हुआ प्यार में तेरे फ़िदा! मुझसे तू ये बता, तेरा हूँ मैं दीवाना ज़रा पास तू तो आ क्यूँ हुआ प्यार में तेरे फ़िदा! दिल तुझपे है लूटा, तेरा हूँ मैं दीवाना ज़रा पास तू तो आ क्यूँ हुआ प्यार में तेरे फ़िदा!