कहाँ हैं ख्वाब वो? हाथों से जो मिट गये कैसी है? वो रास्ते पाँव से जो हट गये बंद साँसों तले चलती हैं धड़कनें गिन रहा हूँ उंगलियों में बसी ख्वाहिशें जीने दो, जीने दो, साँसें अभी पीने दो ख्वाबों की राहों में, हाँ जीने दो कहते हैं अरमां ये कहते हैं ये ग़म सारे उड़ते इन लबों को जीने दो फिर से हाँ, उड़ रहे जेब के वो मकां अज़नबी हैं राहें अज़नबी ज़ुबां बंद आँखों तले चलती हैं आंधियाँ गिन रहा हूँ सभी वक्त की परछाईयाँ जीने दो, जीने दो, साँसें अभी पीने दो ख्वाबों की राहों में, हाँ जीने दो कहते हैं अरमां ये कहते हैं ये ग़म सारे उड़ते इन लबों को जीने दो बंद आँखों तले चलती हैं आंधियाँ गिन रहा हूँ सभी वक्त की परछाईयाँ जीने दो, जीने दो, साँसें अभी पीने दो ख्वाबों की राहों में, हाँ जीने दो कहते हैं अरमां ये कहते हैं ये ग़म सारे उड़ते इन लबों को जीने दो