क्यूँ मैं डरूँ? क्यूँ मैं डरूँ? क्यूँ मैं डरूँ? जब है तू मेरे अदंर क्यूँ मैं डरूँ? क्यूँ मैं डरूँ? क्यूँ मैं डरूँ? जब है तू मेरे अदंर जीवन का झरना, जगत की ज्योति जीवन का झरना, जगत की ज्योति यहूदा का सीहा है मेरे अंदर यहूदा का सीहा है मेरे अंदर क्यूँ मैं डरूँ? क्यूँ मैं डरूँ? क्यूँ मैं डरूँ? जब है तू मेरे अदंर फ़िरों की सेना चाहे मेरे पीछे हो लाल समंदर चाहे मेरे आगे हो फ़िरों की सेना चाहे मेरे पीछे हो लाल समंदर चाहे मेरे आगे हो तो क्यूँ मैं डरूँ? क्यूँ मैं डरूँ? क्यूँ मैं डरूँ? जब है तू मेरे अदंर लाल समंदर से रस्ता निकाला पानियों की लहरों पर चलाया श्रापित बन कर श्राप से छुड़ाया मौत को उस क्रूस पर हराया लाल समंदर से रस्ता निकाला पानियों की लहरों पर चलाया श्रापित बन कर श्राप से छुड़ाया मौत को उस क्रूस पर हराया विजय हुआ, विजय हुआ बीमारी के ऊपर विजय हुआ, विजय हुआ हर श्राप के ऊपर विजय हुआ, विजय हुआ वो मौत के ऊपर विजय हुआ, विजय हुआ शैतान के ऊपर तो क्यूँ मैं डरूँ? जो मेरे अंदर है वो उस से महान है जो संसार में है जो मेरे अंदर है वो उस से महान है जो संसार में है जो मेरे अंदर है वो उस से महान है जो संसार में है जो मेरे अंदर है वो उस से महान है जो संसार में है जीवन का झरना, जगत की ज्योति जीवन का झरना, जगत की ज्योति यहूदा का सीहा है मेरे अंदर यहूदा का सीहा है मेरे अंदर क्यूँ मैं डरूँ? क्यूँ मैं डरूँ? क्यूँ मैं डरूँ? जब है तू मेरे अदंर जब है तू मेरे अदंर जब है तू मेरे अदंर