यूँ मुस्कुरा के आफ़तें लाया ना कीजिए यूँ मुस्कुरा के आफ़तें लाया ना कीजिए हम दिल-जले हैं, और जलाया ना कीजिए मीठे-मीठे लफ़्ज़ों का जाल ना उछालो मीठे-मीठे लफ़्ज़ों का जाल ना उछालो हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों काली-काली ज़ुल्फ़ों के... ♪ ज़रूरत थे हम या ज़रूरी थे तुमको? निगाहें मिला कर बता दो ये हमको ज़रूरत थे हम या ज़रूरी थे तुमको? निगाहें मिला कर बता दो ये हमको हाँ, क़िस्से तुम्हारे, वो वादे-वफ़ा के परोसे जो तुमने, हाँ, कितनों को जाके वो तौर-तरीक़े, अदब और सलीक़े आज हमारे तो कल फ़िर किसी के हाँ, ख़ूब पढ़ा है निगाहों को तेरी भटकती बहुत हैं, कहीं भी ना ठहरी माफ़ी नहीं है, गुनाह करने वालों हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों ♪ महँगे लिबासों पे ख़ुशबू विलायती वाह! वो अदब जैसे नज़रें मिलाई थीं महँगे लिबासों पे ख़ुशबू विलायती वाह! वो अदब जैसे नज़रें मिलाई थीं वो तोहफ़े तुम्हारे और फूल गुलाबी कंगाल दिल से, दिखावे नवाबी वो ज़ुल्फ़ों के क़तरे कमीज़ पे तुम्हारी बताओ तो कितनों की ज़ुल्फ़ें सँवारी? बरसे थे बादल, मेरे आँसू बहे थे ग़ैरों के आँगन में जब तुम गए थे अब झूठी चाहतों से ना बातें सँभालो हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों ♪ ना छेड़ो हमें, हम सताए हुए हैं बहुत ज़ख़्म सीने पे खाए हुए हैं सितमगर हो तुम, ख़ूब पहचानते हैं तुम्हारी अदाओं को हम जानते हैं दग़ा-बाज़ हो तुम, सितम ढाने वाले फ़रेब-ए-मोहब्बत में उलझाने वाले ये रंगीं कहानी तुम्हीं को मुबारक तुम्हारी जवानी तुम्हीं को मुबारक हमारी तरफ़ से ये निगाहें हटा लो हमें ज़िंदा रहने दो... काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों