दिल सुनता है तेरी सदा आ रू-ब-रू अब तो ज़रा बेचैन सी मेरी ज़िंदगी सुनकर तेरी ये दास्ताँ जीना मेरा आसान कर तू मिल के ये एहसान कर कहीं खो गया चैन-ओ-सुकूँ तेरे दर्द को अब जानकर जानिया, ओ, जानिया बस रोए दिल मेरा आँसू पलकों पे नहीं हैं बेवजह दिल है ग़मज़दा, जानिया "तुझे पा लिया या खो दिया" इस बात पर दिल रो दिया के चाहकर तू ना आ सके तू वक्त है गुज़रा हुआ तुझे रख लिया इन यादों ने एक फूल सा किताबों में इस दिल में तू रहेगा सदा और महकेगा इन साँसों में रातों में तू जल जाता है चेहरे में तू ढल जाता है तारा है तू मुझमें टूटा सा नींदों से जगा देता है पलकों को भिगो देता है दरिया है तू मुझमें डूबा सा हर वक्त ख़ाबों की तरह तू आता रहा जानिया, ओ, जानिया दिन क्या, रात क्या? आहट हो कोई, लगता है सदा के तू है वहाँ, जानिया जानिया, ओ, जानिया बस रोए दिल मेरा आँसू पलकों पे नहीं हैं बेवजह दिल है ग़मज़दा, जानिया