Kishore Kumar Hits

Kanchhan Srivas - Kanha Kahan Ho текст песни

Исполнитель: Kanchhan Srivas

альбом: Kanha Kahan Ho


रास रचैया, कृष्ण कन्हैया, छुप गए हो किस ओर?
मुरली वाले, बंसी बजैया, ढूँढूँ मैं, चित-चोर
रास रचैया, कृष्ण कन्हैया, छुप गए हो किस ओर?
मुरली वाले, बंसी बजैया, ढूँढूँ मैं, चित-चोर
Hmm, नदिया किनारे कहीं साँवरे की बंसी बजी
राधा रानी व्याकुल खड़ी, सारा दिन राहें तकी
नदिया किनारे कहीं साँवरे की बंसी बजी
राधा रानी व्याकुल खड़ी, सारा दिन राहें तकी
अधरों ने खोली धुन
चित श्याम रंग में गुम
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
नैनों से छुपते हो, पर मन में रहते हो
सामने आओ साँवरे, हाए
कान्हा, कहाँ हो साँवरे? हाए
कान्हा, कहाँ हो साँवरे?

हो, जग की माया छोड़-छाड़ के
साँवरे, मिलने दौड़ी चली आई
लोग पुकारे "बावरी" मुझको
पाने को पागल तेरी परछाई
तीरे खड़ी गुमसुम
चित प्रेम रंग में गुम
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
नदिया किनारे कहीं साँवरे की बंसी बजी
राधा रानी व्याकुल खड़ी, सारा दिन राहें तकी
नदिया किनारे कहीं साँवरे की बंसी बजी
राधा रानी व्याकुल खड़ी, सारा दिन राहें तकी
अधरों ने खोली धुन
चित श्याम रंग में गुम
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
कान्हा, कहाँ हो श्याम रे?
रास रचैया, कृष्ण कन्हैया, छुप गए हो किस ओर?
मुरली वाले, बंसी बजैया, ढूँढूँ मैं, चित-चोर
रास रचैया, कृष्ण कन्हैया, छुप गए हो किस ओर?
मुरली वाले, बंसी बजैया, ढूँढूँ मैं, चित-चोर

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