Kishore Kumar Hits

Manan Bhardwaj - Dua текст песни

Исполнитель: Manan Bhardwaj

альбом: Dua


हाँ, पत्थर को अपना समझ कर
एक शीशा टूट गया
एक सूने रस्ते पर, हाँ
मैं अकेला छूट गया
लग जाती है आग ज़हन में
जब-जब भी बरसात हो
रोज़ सोता हूँ ये सोच कर
आज आख़िरी रात हो
मैं दुआ करूँगा अल्लाह से
मेरी मौत तेरे हाथ हो
और अगले जनम में फिर से
मेरी आशिक़ वाली जात हो
मैं दुआ करूँगा अल्लाह से
मेरी मौत तेरे हाथ हो
और अगले जनम में फिर से
मेरी आशिक़ वाली जात हो

क्या तुम्हें पता, कितना डरते हैं
हम अब इश्क़ के नाम से
अच्छे-ख़ासे शायर थे
अब नहीं रहे किसी काम के
आ जाती है याद तुम्हारी
काग़ज़-कलम उठाते ही
कितने काग़ज़ फेंके मैंने
लिख-लिख कर तेरे नाम के
क्या-क्या लिखा था मैंने तुझ पर
शायद तुझको याद हो
रोज़ सोता हूँ ये सोच कर
काश, तुझसे बात हो
मैं दुआ करूँगा अल्लाह से
मेरी मौत तेरे हाथ हो
और अगले जनम में फिर से
मेरी आशिक़ वाली जात हो

जहाँ रहते हैं टूटे आशिक़
मैं उसी जगह पे मिलता हूँ
तू कोशिश कर, सुनने तो आ
मैं आज भी गाने लिखता हूँ
मैंने भी कुछ दिल तोड़े हैं
जैसे मेरा तूने तोड़ा था
मुझे कहने लगे हैं सारे
अब मैं तेरे जैसा दिखता हूँ
जब मैं जाऊँ इस दुनिया से
उस दिन, ख़ुदा, बरसात हो
और अगले जनम में फिर से
मेरी आशिक़ वाली जात हो
क्या ख़ुद को ख़ुदा मानते हो
क्या ख़ुद को ख़ुदा मानते हो
हमें मार तो दिया
पर एक शायर को मारने की
सज़ा जानते हो?

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