छोड़ दिया वो रास्ता जिस रास्ते से तुम थे गुज़रे ♪ छोड़ दिया वो रास्ता जिस रास्ते से तुम थे गुज़रे तोड़ दिया वो आईना जिस आईने में तेरा अक्स दिखे मैं शहर में तेरे था ग़ैरों सा मुझे अपना कोई ना मिला तेरे लम्हों से, तेरे ज़ख़्मों से अब तो मैं दूर चला रुख़ ना किया उन गलियों का जिन गलियों में तेरी बातें हों छोड़ दिया वो रास्ता जिस रास्ते से तुम थे गुज़रे ♪ मैं था मुसाफ़िर राह का तेरी तुझ तक मेरा था दायरा मैं था मुसाफ़िर राह का तेरी तुझ तक मेरा था दायरा मैं भी कभी था महबर तेरा ख़ाना-बदोश मैं अब ठहरा ख़ाना-बदोश मैं अब ठहरा छूता नहीं उन फूलों को जिन फूलों में तेरी ख़ुशबू हो रूठ गया उन ख़्वाबों से जिन ख़्वाबों में तेरा ख़्वाब भी हो ♪ कुछ भी ना पाया मैंने सफ़र में होके सफ़र का मैं रह गया कुछ भी ना पाया मैंने सफ़र में होके सफ़र का मैं रह गया काग़ज़ का पोशीदा घर था भीगते बारिश में बह गया भीगते बारिश में बह गया देखूँ नहीं उस चाँदनी को जिसमें कि तेरी परछाई हो दूर हूँ मैं इन हवाओं से ये हवा तुझे छू के भी आई ना हो