तुम साथ हो जब अपने, दुनिया को दिखा देंगे हम मौत को जीने के, अंदाज़ सिखा देंगे तुम साथ हो जब अपने, दुनिया को दिखा देंगे हम मौत को जीने के, अंदाज़ सिखा देंगे तुम साथ हो जब अपने माना के अंधेरों के गहरे हैं बहुत साए माना के अंधेरों के गहरे हैं बहुत साए पर गम है यहां किसको, आती है तो रात आए हम रात के सीने में, इक शम्मा जला देंगे तुम साथ हो जब अपने, दुनिया को दिखा देंगे हम मौत को जीने के, अंदाज़ सिखा देंगे तुम साथ हो जब अपने ऐ अहल-ए-जहां तुम को नफ़रत की है बीमारी ऐ अहल-ए-जहां तुमको नफ़रत की है बीमारी भड़काया करो शोले, फेंका करो चिंगारी हम प्यार की शबनम से, हर आग बुझा देंगे तुम साथ हो जब अपने दुनिया को दिखा देंगे हम मौत को जीने के अंदाज़ सिखा देंगे तुम साथ हो जब अपने