मैं अगर सामने आ भी जाया करूँ लाज़मी है कि तुम मुझ से पर्दा करो अपनी शादी के दिन अब नहीं दूर हैं मैं भी तड़पा करूँ, तुम भी तड़पा करो बड़ी मुश्किल है, ये मेरा दिल है बड़ी मुश्किल है, ये मेरा दिल है तुम ही कहो, कैसे मैं चुप रहूँ? तुम अगर सामने आ भी जाया करो लाज़मी है कि मैं तुम से पर्दा करूँ अपनी शादी के दिन अब नहीं दूर हैं मैं भी तड़पा करूँ, तुम भी तड़पा करो बड़ी मुश्किल है, ये मेरा दिल है बड़ी मुश्किल है, ये मेरा दिल है तुम ही कहो, कैसे मैं चुप रहूँ? तुम अगर सामने आ भी जाया करो लाज़मी है कि मैं तुम से पर्दा करूँ सताने के, मनाने के, ये दिन हैं आज़माने के ज़रा समझा करो दिलबर, तुम्हें मेरी क़सम यही मेरी है मजबूरी, सही जाए ना अब दूरी मेरा क्या हाल है, कैसे बताऊँ मैं, सनम? ज़मीं होगी, गगन होगा, तेरा-मेरा मिलन होगा मैं अगर तुम से नज़रें मिलाया करूँ लाज़मी है कि तुम मुझ से पर्दा करो मैं दुनिया से चला जाऊँ, कभी ना लौट के आऊँ करोगी क्या अकेले तुम? बताओ, दिलरुबा मैं रब से छीन लाऊँगी, तुझे अपना बनाऊँगी चलेगी साँस जब तक ये, ना होंगे हम जुदा ना अपनी ये क़सम टूटे, जो रब रूठे तो रब रूठे मैं अगर तुम को मिलने बुलाया करूँ लाज़मी है कि तुम मुझ से पर्दा करो अपनी शादी के दिन अब नहीं दूर हैं मैं भी तड़पा करूँ, तुम भी तड़पा करो बड़ी मुश्किल है, ये मेरा दिल है तुम ही कहो, कैसे मैं चुप रहूँ? मैं अगर सामने आ भी जाया करूँ लाज़मी है कि तुम मुझ से पर्दा करो