शेर के फूल किताबों से नहीं ज़ुल्फ़ की छाँव से हम चुनते हैं लोग होंठों से सुना करते हैं हम निगाहों से ग़ज़ल सुनते हैं ♪ मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई रहे ना अपनी ख़बर तो समझो... रहे ना अपनी ख़बर तो समझो ग़ज़ल हुई मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई ♪ मिला के नज़रों को वालेहाना हया से फिर मिला के नज़रों को वालेहाना हया से फिर मिला के नज़रों को वालेहाना हया से फिर मिला के नज़रों को वालेहाना हया से फिर झुका ले कोई नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई झुका ले कोई नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई रहे ना अपनी ख़बर तो समझो ग़ज़ल हुई मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई ♪ इधर मचल कर उन्हें पुकारे जुनूँ मेरा इधर मचल कर उन्हें पुकारे जुनूँ मेरा इधर मचल कर उन्हें पुकारे जुनूँ मेरा इधर मचल कर उन्हें पुकारे जुनूँ मेरा धड़क उठे दिल उधर तो समझो ग़ज़ल हुई धड़क उठे दिल उधर तो समझो ग़ज़ल हुई रहे ना अपनी ख़बर तो समझो ग़ज़ल हुई मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई ♪ उदास बिस्तर की सिलवटें जब तुम्हें चुभें उदास बिस्तर की सिलवटें जब तुम्हें चुभें उदास बिस्तर की सिलवटें जब तुम्हें चुभें उदास बिस्तर की सिलवटें जब तुम्हें चुभें ना सो सको रात-भर तो समझो ग़ज़ल हुई ना सो सको रात-भर तो समझो ग़ज़ल हुई रहे ना अपनी ख़बर तो समझो ग़ज़ल हुई मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई ♪ वो बद-गुमाँ हों तो शेर सूझे ना शायरी वो बद-गुमाँ हों तो शेर सूझे ना शायरी वो बद-गुमाँ हों तो शेर सूझे ना शायरी वो बद-गुमाँ हों तो शेर सूझे ना शायरी वो मेहरबाँ हों, ज़फ़र, तो समझो ग़ज़ल हुई वो मेहरबाँ हों, ज़फ़र, तो समझो ग़ज़ल हुई रहे ना अपनी ख़बर तो समझो... रहे ना अपनी ख़बर तो समझो ग़ज़ल हुई मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई तो समझो ग़ज़ल हुई तो समझो ग़ज़ल हुई