इंसाँ बनाकर भेजा जिसने इंसानियत ही देखेगा तेरी आँखें मूँद के बैठा है, पर नज़रें हैं नहीं फ़ेरी हैसियत वो देखे ना तू दिल ना छोटा कर भरी सोने की थाली कहाँ रखे जो फिरता बिन झोली भोले के दर पे तू ख़ाली ही चल दे देगा वो भर के, तू लायक तो बन, बंदे बंदे (बंदे, ओ), तू लायक तो बन, बंदे रे ये रात बीत है जानी, ये दिन भी ढल है जाना सुख और दुख है दोनों आना-जाना डेरा यहाँ दो दिन, कहाँ कल ठिकाना जो मिलना हो रब से तो नज़रें मिला सको गले वो लगा ले, गले वो लगा ले ऐसे करम हों, ऐसे करम हों, ऐसे करम तेरे नेकी पे चलना, बंदे और रखना भरोसा रे बंदे, भोले के दर पे तू ख़ाली ही चल दे देगा वो भर के, तू लायक तो बन, बंदे बंदे नेकी पे चलना और रखना भरोसा तेरी कर्मभूमि का तू नायक तो बन, बंदे बंदे (बंदे, ओ), तू लायक तो बन, बंदे रे ♪ देने वाला ना पूछे, "क्या है लाया तू?" पूछे ना, "क्या काम? फिर क्यूँ आया तू?" वो तन मैला, कपड़ा ना देखेगा, पर दिल झाँकेगा ज़रूर पत्थर बसा भगवान चेहरों में इंसान ढूँढ लेता है चेहरों में इंसान ढूँढ लेता है (चेहरों में इंसान ढूँढ लेता है)