Kishore Kumar Hits

Kunti Moktan - Sunkai Bhauchha текст песни

Исполнитель: Kunti Moktan

альбом: Kusum


ओ ओ ओ ओ ओ
आ आ आ आ आ
सुनकै भाउ छ सुन्तला भारीको
चाखीजानु भन्ने मनकारिको
सुनकै भाउछ सुन्तला भारीको
चाखीजानु भन्ने मनकारिको
खोइ त बूटजुत्ता?
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा
धरान झर्छौ धनकुटा भाकेर
बल्छी दाउमा सुन्तला राखेर
धरान झर्छौ धनकुटा भाकेर
बल्छी दाउमा सुन्तला राखेर
दौरा भन्छौ टाल्दिन अर्को छ
छानो टाल्ने सपनै चर्को छ
ओ ओ ओ ओ
खोइ त बूटजुत्ता?
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा
रहर बाँधी कहरको खकनमा
मन बोक्छौ कि घर बोक्छौ ढाकरमा
रहर बाँधी कहरको खकनमा
मन बोक्छौ कि घर बोक्छौ ढाकरमा
घरको दुखः घरैमा तिन तल
कैले होला सुनको भाउ सुन्तोला
खोइ त बूटजुत्ता?
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा
सुनकै भाउ छ सुन्तला भारीको
चाखीजानु भन्ने मनकारिको
सुनकै भाउछ सुन्तला भारीको
चाखीजानु भन्ने मनकारिको
खोइ त बूटजुत्ता?
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा
कतिन्जेल धाउछौ दाइ धरान धनकुटा

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