Kishore Kumar Hits

Simran Hora - Gullak текст песни

Исполнитель: Simran Hora

альбом: Gullak: Season 1 (Music from the Tvf Original Series)


कभी अक्कड़ थी, कभी बक्कड़ थी
कभी टेढ़ी थी, कभी मेढ़ी थी

कभी अक्कड़ थी, कभी बक्कड़ थी
कभी टेढ़ी थी, कभी मेढ़ी थी
थोड़ी अकड़ी थी, थोड़ी जकड़ी थी
पर लपक के हम ने पकड़ी थी
थोड़ी गीली थी, थोड़ी dry थी
कभी low सी थी, कभी high थी
घुल जाए तो इलायची
पिस जाती तो अदरक थी
ये ज़िंदगी यादों की गुल्लक सी
गुल्लक सी, गुल्लक सी
ये ज़िंदगी यादों की गुल्लक सी
गुल्लक सी, गुल्लक सी

बाबू-लल्ला, हल्ला-गुल्ला
चैं-चैं, पौं-पौं हो गली-मुहल्ला
बाबू-लल्ला, हल्ला-गुल्ला
चैं-चैं, पौं-पौं हो गली-मुहल्ला
ऊनी गेंदों सी, फटी जेबों सी
छँटे कोहरे सी, बासी तहरी सी
ऊनी गेंदों सी, फटी जेबों सी
छँटे कोहरे सी, बासी तहरी सी
बातों की दातुन से चलती
Unlimited WiFi थी
फ़ुरसत का petrol पड़ा के
Slowly-slowly भगाई थी
हम सब के हिस्से आई थी
हम सब ने गले लगाई थी
एक चम्मच थी, पर too much थी
ये ज़िंदगी यादों की गुल्लक सी (गुल्लक सी)
गुल्लक सी, गुल्लक सी
ये ज़िंदगी यादों की गुल्लक सी (गुल्लक सी)
ज़िंदगी गुल्लक सी

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