Kishore Kumar Hits

Mitali Singh - Raat Din текст песни

Исполнитель: Mitali Singh

альбом: Dil Ki Zubaan


रात-दिन अश्क-बार होते रहे

रात-दिन अश्क-बार होते रहे
हर घड़ी बेक़रार होते रहे
रात-दिन अश्क-बार होते रहे

हम सरापा वफ़ा थे इस जानिब

हम सरापा वफ़ा थे इस जानिब
हम सरापा वफ़ा थे इस जानिब
और उधर कारोबार होते रहे
और उधर कारोबार होते रहे
रात-दिन अश्क-बार होते रहे

हम पे भारी पड़ा हर एक सौदा

हम पे भारी पड़ा हर एक सौदा
हम पे भारी पड़ा हर एक सौदा
इश्क़ में भी उधार होते रहे
इश्क़ में भी उधार होते रहे
रात-दिन अश्क-बार होते रहे

उनके अंदाज़-ए-गुफ़्तगू से अदीन

उनके अंदाज़-ए-गुफ़्तगू से अदीन
उनके अंदाज़-ए-गुफ़्तगू से अदीन
दिल में हम शर्मसार होते रहे
दिल में हम शर्मसार होते रहे
रात-दिन अश्क-बार होते रहे
हर घड़ी बेक़रार होते रहे
रात-दिन अश्क-बार होते रहे

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