ना पूछो दर्दमंदों से हँसी कैसी? ख़ुशी कैसी? मुसीबत सर पर रहती है कभी कैसी, कभी कैसी ♪ प्यार है या सज़ा? ऐ मेरे दिल बता टूटता क्यूँ नहीं दर्द का सिलसिला? इस प्यार में हों कैसे-कैसे इम्तेहाँ? ये प्यार लिखे कैसी-कैसी दास्ताँ या रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर हो, या रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर हो, प्यार है या सज़ा? ऐ मेरे दिल बता टूटता क्यूँ नहीं? दर्द का सिलसिला ♪ कैसा है सफ़र वफ़ा की मंज़िल का? ना है कोई हल दिलों की मुश्क़िल का धड़कन-धड़कन बिख़री रंजिशें साँसें-साँसें टूटी बंदिशें कहीं तो हर लम्हा होंठों पे फ़रियाद है किसी की दुनिया चाहत में बर्बाद है या रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर हो, या रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर ♪ कोई ना सुने सिसकती आहों को कोई ना धरे तड़पती बाहों को आधी-आधी पूरी ख़्वाहिशें टूटी-फूटी सब फ़रमाइशें कहीं शक है, कहीं नफ़रत की दीवार है कहीं जीत में भी शामिल पल-पल हार है या रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर हो, या रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर हो, प्यार है या सज़ा? ऐ मेरे दिल बता टूटता क्यूँ नहीं दर्द का सिलसिला?