नहीं है मेरी राहों में कहीं तू कहीं किसी की बाहों में फँसी तेरी ज़ुल्फ़ों की खुशबू है आज भी साँसों में मेरे ख़्वाबों से जाती नहीं वो मुलाक़ातें उन यादों से हाँ है मुझे होना अब जुदा उन बातों से कोई मुझे कर दे अब रिहा कर दे रिहा, कर दे रिहा कर दे रिहा मेरी रूह को तुझसे होना है जुदा, जुदा ♪ सीखा दिया है हमको ज़िंदगी ने कि छूट जाते हैं अपने कभी (कभी) अटका हूँ मैं आज भी क्यूँ उन वादों में हर दिन यूँ ही खोया ही रहूँ मैं ख़यालों में उन यादों से हाँ है मुझे होना अब जुदा उन बातों से कोई मुझे कर दे अब रिहा कर दे रिहा, कर दे रिहा कर दे रिहा मेरी रूह को तुझसे होना है जुदा, जुदा जिन नज़रों से देखती उनसे होना है रिहा तेरी हँसी की गूँज से अब मुझको होना है रिहा तू जो मुझको हँसाती थी उन बातों से कर दे अब रिहा तेरी हर एक याद से अब मुझको होना है रिहा