क्या कहें हम तुम्हें कितने बेताब हैं आ रहे अब नज़र आप ही आप हैं जिन निगाहों में कल नींद भी थी नहीं आज उन आँखों में ख़्वाब ही ख़्वाब हैं आ के तेरी बाँहों में हर दर्द मुस्कुरा गया चाहत का मौसम आ गया तू दर पे जो सनम आ गया चाहत का मौसम आ गया तू दर पे जो सनम आ गया पास आ गए हैं तेरे, दूर ना रहा गया, हाँ चाहत का मौसम आ गया तू दर पे जो सनम आ गया चाहत का मौसम आ गया तू दर पे जो सनम आ गया ♪ इसी शाम का हमें कब से इंतज़ार था फ़ासलों में कम नहीं हुआ मेरा प्यार था दिल से चाहे पूछ के देख लेना बात ये हमें मालूम था, हमें एतबार था तेरे इन लबों पे, यारा, नाम मेरा आ गया, हाँ चाहत का मौसम आ गया तू दर पे जो सनम आ गया चाहत का मौसम आ गया तू दर पे जो सनम आ गया ओ, पास आ गए हैं दोनों, दूर ना रहा गया चाहत का मौसम आ गया तू दर पे जो सनम आ गया