Kishore Kumar Hits

Vishal-Shekhar - Alcoholia (From "Vikram Vedha") текст песни

Исполнитель: Vishal-Shekhar

альбом: Alcoholia (From "Vikram Vedha")


मैं शीरीं हूँ, हर बंदे को
फ़रहाद करके जाऊँगी
बर्बाद करने आई हूँ
बर्बाद करने आई हूँ
बर्बाद करके जाऊँगी

(चलो जी, उड़ गया गर्दा)

चाल सुबह से है, बेहाल सुबह से है
उबाल सुबह से एक लहू में
जोश में लड़खड़ाए, होश हुए ख़ाना-बदोश
कहाँ हैं क़ाबू में
था ना पीने का वादा
फिर भी हो गई थोड़ी ज़्यादा
तेरी आँखें हैं नशे की गोलियाँ
आज मौसम alcoholia हो लिया

मुँह धो के मदिरा से झूम रहे हैं प्यासे
मौज में आए हैं जियाले
गिन के पिएँगे नहीं, पी के गिनेंगे
आज लाओ भर-भर के प्याले
तेरे दर पे हम, जानाँ
माँगें नैनों का नज़राना
ज़रा दीवानों की भर दे झोलियाँ
आज मौसम alcoholia हो लिया

ओ-री, अँगूरी, दिल की मजबूरी
तू जो लूटे तो बंदा हँस के लुट जाए
दारू से दूरी हम सह ना पाएँ
बोतल लैला तो मनवा मजनूँ बनके गाए
Alcoholia, alcoholia
नाच, खींच पैरों के बीच से तू तौलिया
Alcoholia, alcoholia
पी-पी के Lucknow लगे है Mongolia
अब ना हिचकिचा तू
ज़ोर से थिरक जा तू
लाज को आज तो दारू में धो लिया
आज मौसम alcoholia हो लिया

Alco-, alco-, alcoholia
Alco-, alco-, alcoholia
Alcoholia, alcoholia
Alco-, alco- हो लिया
Alcoholia, alcoholia
Alcoholia हो लिया
Alcoholia, alcoholia
Alcoholia हो लिया

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