रहमत ख़ुदा कर ज़रा इक दफ़ा दिल देने का कह ज़रा फ़लसफ़ा ये नाचीज़, इक चीज़ उसकी माँगे है तुझसे मुसाफ़िर ये दहलीज़ उसकी माँगे है तुझसे ख़ुदाया तू बता, "कहाँ उसका पता?" पता कर मैं उसके बिना बेपता हूँ, बेपता, बेपता, बेपता हूँ ख़ुदाया तू बता, "कहाँ उसका पता?" पता कर मैं उसके बिना बेपता हूँ, बेपता, बेपता, बेपता हूँ बेज़िक्र, बेफ़िक्र मन के धुँधल खेमे यूँ आए लम्हों की इस भीड़ में मुझको पल दे फ़ुर्सत के अलमस्त, कम्बख़्त, फ़िक्रे दिखाए, वो इतराए बस इक ख़्याल उसका है दिन की फ़ितरत बदल दे दिल देने का कह ज़रा फ़लसफ़ा है चाहा उसे शिद्दतों से यूँ टूट कर के वो क्यूँ ना मिला मुद्दतों से? यूँ रूठ कर के ख़ुदाया तू बता, "कहाँ उसका पता?" पता कर मैं उसके बिना बेपता हूँ, बेपता, बेपता, बेपता हूँ ख़ुदाया तू बता, "कहाँ उसका पता?" पता कर मैं उसके बिना बेपता हूँ, बेपता, बेपता, बेपता हूँ