रफ्ता रफ्ता हो गयी तू ही मेरी ज़िन्दगी रफ्ता रफ्ता हो गयी चारों तरफ रौशनी सजदे में तेरे सर है थोड़ा सा दिल में डर है कैसे करून मैं बयान जानू ना जानू ना जानू ना रफ्ता रफ्ता हो गयी चाहे दीदार तेरा नज़रे झुक भी मेरे कदम चलना चाहे रुके भी लैब भी कुछ कहना चाहे लेकिन गम है सब बातें गुमसुम सी भी है जुबां चाहे दीदार तेरा नज़रे झुक भी मेरे कदम चलना चाहे रुके भी लैब भी कुछ कहना चाहे लेकिन गम है सब बातें गुमसुम सी भी है जुबां रफ्ता रफ्ता हो गयी तू ही मेरी ज़िन्दगी रफ्ता रफ्ता हो गयी चारों तरफ रौशनी सजदे में तेरे सर है थोड़ा सा दिल में डर है कैसे करून मैं बयान जानू ना जानू ना जानू ना रफ्ता रफ्ता हो गयी मेरा वजूद अब तू मुझमे है शामिल सोहबत में तेरी मुझे सब कुछ हासिल फिर क्यों लगता है ऐसा जैसे मैं हूँ बेखुद सा ढूंडू मैं खुद को कहाँ मेरा वजूद अब तू मुझमे है शामिल सोहबत में तेरी मुझे सब कुछ हासिल फिर क्यों लगता है ऐसा जैसे मैं हूँ बेखुद सा ढूंडू मैं खुद को कहाँ रफ्ता रफ्ता हो गयी तू ही मेरी ज़िन्दगी रफ्ता रफ्ता हो गयी चारों तरफ रौशनी सजदे में तेरे सर है थोड़ा सा दिल में डर है कैसे करून मैं बयान जानू ना जानू ना जानू ना रफ्ता रफ्ता हो गयी