Kishore Kumar Hits

Talat Aziz - Rukh Se Parda текст песни

Исполнитель: Talat Aziz

альбом: Shahkaar


वो लड़की याद आती है
वो लड़की याद आती है
जो होंठों से नहीं, पूरे बदन से मुस्कुराती है
सिमटते वक़्त भी चारों दिशाओं को सजाती है
मेरी साँसों में अब भी जिसकी ख़ुशबू जगमगाती है
वो लड़की याद आती है
वो लड़की फूल जैसी, चाँद जैसी, चाँदनी जैसी
वो लड़की फूल जैसी, चाँद जैसी, चाँदनी जैसी
वो सर से पाँव तक पूरी ग़ज़ल की शायरी जैसी
मेरी आवाज़ में जो शेर बनकर गुनगुनाती है
वो लड़की याद आती है
वो जिस रस्ते से गुज़रे देर तक मंज़र चमकते हैं
वो जिस रस्ते से गुज़रे देर तक मंज़र चमकते हैं
क़दम थम-थम के उठते हैं कि पैमाने छलकते हैं
वो हर मौसम में अपने हुस्न का जादू जगाती है
वो लड़की याद आती है
वो लड़की अब ना जाने किसके जीवन की किरण होगी
वो लड़की अब ना जाने किसके जीवन की किरण होगी
अभी तक फूल की मानिन होगी या चमन होगी?
वो ऐसे साथ रहती है, ना आती है, ना जाती है
वो लड़की याद आती है
वो लड़की याद आती है
जो होंठों से नहीं, पूरे बदन से मुस्कुराती है
सिमटते वक़्त भी चारों दिशाओं को सजाती है
मेरी साँसों में अब भी जिसकी ख़ुशबू जगमगाती है
वो लड़की याद आती है
वो लड़की याद आती है
वो लड़की याद आती है

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