Kishore Kumar Hits

Talat Aziz - Chaahat Mein Kya текст песни

Исполнитель: Talat Aziz

альбом: Shahkaar


चाहत में क्या दुनियादारी? इश्क़ में कैसी मजबूरी?
चाहत में क्या दुनियादारी? इश्क़ में कैसी मजबूरी?
लोगों का क्या समझाने दो...
लोगों का क्या, समझाने दो, उनकी अपनी मजबूरी
चाहत में क्या दुनियादारी? इश्क़ में कैसी मजबूरी?

मैंने दिल की बात रखी और तूने दुनियावालों की
मैंने दिल की बात रखी और तूने दुनियावालों की
मेरी ग़र्ज़ की मजबूरी थी, उनका हुकुम भी मजबूरी
चाहत में क्या दुनियादारी? इश्क़ में कैसी मजबूरी?

रोक सको तो पहली बारिस की बूँदों को तुम रोको
रोक सको तो पहली बारिस की बूँदों को तुम रोको
कच्ची मिट्टी तो महकेगी, मिट्टी की ये मजबूरी
चाहत में क्या दुनियादारी? इश्क़ में कैसी मजबूरी?

जब तक हँसता-गाता है, सब अपना है, सब अपने हैं
जब तक हँसता-गाता है, सब अपना है, सब अपने हैं
वक़्त पड़े तो याद आजाती है सबको अपनी मजबूरी
चाहत में क्या दुनियादारी? इश्क़ में कैसी मजबूरी?
लोगों का क्या, समझाने दो...
लोगों का क्या, समझाने दो, उनकी अपनी मजबूरी
चाहत में क्या दुनियादारी, इश्क़ में कैसी मजबूरी?

Поcмотреть все песни артиста

Другие альбомы исполнителя

Похожие исполнители