आज की रात, होना है क्या? पाना है क्या? खोना है क्या? शाम है, जाम है और है नशा तन भी है, मन भी है पिघला हुआ छाई हैं रंगिनियाँ, फिर भी हैं बेताबियाँ क्यूँ धड़कता है दिल? क्यूँ ये कहता है दिल? दीवानों को अब तक नहीं है ये पता आज की रात, होना है क्या? पाना है क्या? खोना है क्या? आज की रात, होना है क्या? पाना है क्या? खोना है क्या? दो घड़ी में ही यहाँ जाने क्या होगा जो हमेशा था मेरा फिर मेरा होगा कौन किसके दिल में है, फ़ैसला होगा Hmm, फ़ैसला है यही, जीत होगी मेरी हो, दीवानों को अब तक नहीं है ये पता आज की रात, होना है क्या? पाना है क्या? खोना है क्या? आज की रात, होना है क्या? पाना है क्या? खोना है क्या? आज की रात, होना है क्या? पाना है क्या? खोना है क्या? आज की रात, होना है क्या? पाना है क्या? खोना है क्या?