अँधेरे शहर में तू कैसे जी रहा है? रोशनी के साएँ है और धुआँ ही धुआँ है आँखों में है नमी और दिल सहमा हुआ है दिल सहमा हुआ है, दिल सहमा हुआ है ख्वाहिशों की चाह में तू खुदको ही खो गया है ♪ तू ढूँढ़ता है क्या? क्या है तुझमें छुपा तू खुद भी जानता है नहीं ओ, तू ढूँढ़ता है क्या? क्या है तुझमें छुपा तू खुद भी जानता है नहीं साँसों की लहरें, साँसों की लहरें साँसों की लहरें लौट जाती जहाँ से लौट जाती जहाँ से, लौट जाती जहाँ से क्यूँ उस किनारे पे मंज़िल ढूँढ़ता है? अँधेरे शहर में तू कैसे जी रहा है? रोशनी के साएँ है और धुआँ ही धुआँ है आँखों में है नमी और दिल सहमा हुआ है ख्वाहिशों की चाह में तू खुदको ही खो गया है ♪ कैसे जी रहा है? तू कैसे जी रहा है? कैसे जी रहा है? तू कैसे जी रहा है? कैसे जी रहा है? तू कैसे जी रहा है? कैसे जी रहा है? तू कैसे जी रहा है?