Kishore Kumar Hits

Viju Shah - Chand Aadhi Raat Mein текст песни

Исполнитель: Viju Shah

альбом: Prithvi


चाँद आधी रात में...
हो, चाँद आधी रात में चाँदनी समेट कर
छुप गया वो बादलों की चादरें लपेट कर
चाँद आधी रात में...
हो, चाँद आधी रात में चाँदनी समेट कर
छुप गया वो बादलों की चादरें लपेट कर
चाँद आधी रात में...

खिल रही थी चाँदनी चाँद की आग़ोश में
फिर ना जाने क्या हुआ, दोनों रहे ना होश में
चाँदनी शरमा रही थी...
हो, चाँदनी शरमा रही थी चाँद का मुँह देख कर
छुप गया वो बादलों की चादरें लपेट कर
चाँद आधी रात में...

ज़ुल्फ़ें बन कर बदलियाँ हर तरफ़ छाने लगीं
साँसें बन कर सिसकियाँ जल के बुझ जाने लगीं
चाँदनी लहरा उठी...
हो, चाँदनी लहरा उठी थी चाँद का मुँह चूम कर
छुप गया वो बादलों की चादरें लपेट कर
चाँद आधी रात में चाँदनी समेट कर
छुप गया वो बादलों की चादरें लपेट कर
चाँद आधी रात में...

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