Kishore Kumar Hits

Mohammed Rafi - Maine Poochha Chand Se - From "Abdullah" текст песни

Исполнитель: Mohammed Rafi

альбом: Mohammed Rafi Hits


मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं?
चाँद ने कहा, "चाँदनी की क़सम
नहीं, नहीं, नहीं"
मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं?
चाँद ने कहा, "चाँदनी की क़सम
नहीं, नहीं, नहीं"
मैंने पूछा चाँद से...

मैंने ये हिजाब तेरा ढूँढा
हर जगह शबाब तेरा ढूँढा
कलियों से मिसाल तेरी पूछी
फूलों में जवाब तेरा ढूँढा
मैंने पूछा बाग़ से फ़लक हो या ज़मीं
ऐसा फूल है कहीं?
बाग़ ने कहा, "हर कली की क़सम
नहीं, नहीं, नहीं"
मैंने पूछा चाँद से...

हो, चाल है कि मौज की रवानी
ज़ुल्फ़ है कि रात की कहानी
होठ हैं कि आईने कँवल के
आँख है कि मयकदों की रानी
मैंने पूछा जाम से फ़लक हो या ज़मीं
ऐसी मय भी है कहीं?
जाम ने कहा, "मयकशी की क़सम
नहीं, नहीं, नहीं"
मैंने पूछा चाँद से...

ख़ूबसूरती जो तूने पाई
लुट गई खुदा की बस खुदाई
मीर की ग़ज़ल कहूँ तुझे मैं
या कहूँ ख़य्याम की रुबाई?
मैं जो पूछूँ शायरों से ऐसा दिल-नशीं
कोई शेर है कहीं?
शायर कहें, "शायरी की क़सम
नहीं, नहीं, नहीं"
मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं?
चाँद ने कहा, "चाँदनी की क़सम
नहीं, नहीं, नहीं"
मैंने पूछा चाँद से...

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