है याद शामों में छत पे तेरा मुझको ले जाना? नज़रें थी तारों पे, जब हाथ तूने मेरा थामा बादलों में तूने ढूँढने को मुझसे है याद बोला था चेहरा कोई? तब से मैं जहाँ भी आँखें ये ले जाऊँ ये ढूँढती हैं बस एक तुमको ही ये ज़मीन आँखों की दोनों ही लिख दी हैं ले मैंने तेरे ही तेरे नाम पे ख़्वाब सच ये एक मेरा कर दे तू पलकें जो मैं झपकूँ, आ जाए तू सामने दरमियाँ फ़ासले ये, तेरे-मेरे फ़ासले ये क्यूँ इतने, क्यूँ इतने हैं? रे-रे-रे दरमियाँ फ़ासले ये, तेरे-मेरे फ़ासले ये क्यूँ इतने, क्यूँ इतने हैं? रे-रे-रे ♪ याद है ना बारिशों में थी भीगी रात वो और हम पे मुस्कुराता आसमाँ? सारे लम्हात जो, बेहद ख़ास वो है दिल मेरा सँभालता रहा है नहीं यक़ीं तो धड़कनें सुनाऊँ? ये पूछती हैं बस एक तुमको ही आँखें ये जहाँ भी अब मैं लेके जाऊँ ये ढूँढती हैं बस एक तुमको ही ये ज़मीन आँखों की दोनों ही लिख दी हैं ले मैंने तेरे ही तेरे नाम पे ख़्वाब सच ये एक मेरा कर दे तू पलकें जो मैं झपकूँ, आ जाए तू सामने दरमियाँ फ़ासले ये, तेरे-मेरे फ़ासले ये क्यूँ इतने, क्यूँ इतने हैं? रे-रे-रे दरमियाँ फ़ासले ये, तेरे-मेरे फ़ासले ये क्यूँ इतने, क्यूँ इतने हैं? ए-ए-ए