अश्क़ों में है यादें तेरी भीगी-भीगी रातें मेरी ग़ुम है कहीं राहें मेरी मैं तेरे इश्क़ में गुमराह हुआ मैं तेरे इश्क़ में गुमराह हुआ मैं वो चाँद जिसका तेरे बिन ना कोई आसमाँ मैं वो चाँद जिसका तेरे बिन ना कोई आसमाँ मेरी दुआओं में है मन्नत तेरी तुझको पढ़ा है, तू है आयत मेरी जन्नत तू है, तू होना ना दूर अज़मत है तुझसे, तू है ही मेरा नूर दिल की सलाखें क़ैद रखे है जैसे परिंदा कोई, हाँ कोई अश्क़ों में है यादें तेरी भीगी-भीगी रातें मेरी ग़ुम है कहीं राहें मेरी मैं तेरे इश्क़ में गुमराह हुआ मैं तेरे इश्क़ में गुमराह हुआ मैं वो चाँद जिसका तेरे बिन ना कोई आसमाँ मैं वो चाँद जिसका तेरे बिन ना कोई आसमाँ वीरानियों का दिल में लावा जले अंगारों के साये में हर पल खले फुरकत का लम्हा फिर से आये ना अब इससे रिहाई दे दे ऐ मेरे रब दिल के तार बंधे है ऐसे जैसे बंधी बेड़ियाँ-बेड़ियाँ अश्क़ों में है यादें तेरी भीगी-भीगी रातें मेरी ग़ुम है कहीं राहें मेरी मैं तेरे इश्क़ में गुमराह हुआ मैं तेरे इश्क़ में गुमराह हुआ मैं वो चाँद जिसका तेरे बिन ना कोई आसमाँ मैं वो चाँद जिसका तेरे बिन ना कोई आसमाँ