Kishore Kumar Hits

Arshad Warsi - Heer текст песни

Исполнитель: Arshad Warsi

альбом: Durgamati - The Myth


रंज-ए-इश्क़ का क्या जाने पीर-फ़क़ीर
रंज-ए-इश्क़ का क्या जाने पीर-फ़क़ीर
ये तो राधा जाने, या फिर जाने हीर
बिन राँझे की हीर हुई मैं
बिन राँझे की हीर हुई मैं
बिन राँझे की हीर हुई मैं
आप ही अपनी पीर हुई मैं
आप ही अपनी पीर हुई मैं
बिन राँझे की हीर हुई मैं
बिन राँझे की हीर हुई मैं

ना मैं बहती, ना मैं थमती
ना मैं बहती, ना मैं थमती
खारा-खारा नीर हुई मैं
खारा-खारा नीर हुई मैं
बिन राँझे की हीर हुई मैं

ख़ुद को ख़ुद में क़ैद किया है
ख़ुद को ख़ुद में क़ैद किया है
ख़ुद अपनी ज़ंजीर हुई मैं
ख़ुद अपनी ज़ंजीर हुई मैं
बिन राँझे की हीर हुई मैं रे

घर की हूँ, पर हूँ घर बाहर
घर की हूँ, पर हूँ घर बाहर
देहरी की तक़दीर हुई मैं
देहरी की तक़दीर हुई मैं
बिन राँझे की हीर हुई मैं
बिन राँझे की...

हीर हुई मैं

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