मैं छुं तेरी आंख्युं को काजल, मैं छुं तेरी साड़ी को आँचल, बण्यां ले ऐ जा औ बिंदु, मैं ऐपुणि खुटुं की पायल, मैं छुं कोई भंवरा, आवारा पागल, तू छै कोई उड़न्याँ, डांडयूँ को बादल न्या कोई घर छ तेरो न्या ही कोई ठौर मेरी, बणी जा बणी जा तू पतंग बणु मैं डोर तेरी ...२ . मैं छुं कोई मोर मगन, या छुं मैं बन में हिरन, बत्या दे औ मैं बिंदु,तू ही छै मेरी लगन ...2 लागनो न्या मन क्यां त्यारा बिन,तू ही छै यो रात तू ही दिन ... 2 मैं छुं कोई भंवरा,आवारा पागल,तू छै कोई उड़न्याँ डाँड्यु को बादल, न्या कोई घर छ तेरो, न्या ही कोई ठौर मेरी, बणी जा बणी जा तू पतंग बणु मैं डोर तेरी ...२ . तू छै यो ठंडी पवन, तू छै सूरज की किरण, तू ही छै चारों दिशा, तू ही धरती यो गगन ...2 कमै मेरो गीत धिना धिन, हल्द्वानी है ल्ही भै कनालच्छिन ...2 मैं छुं कोई भंवरा,आवारा पागल,तू छै कोई उड़न्याँ डाँड्यु को बादल, न्या कोई घर छ तेरो, न्या ही कोई ठौर मेरी, बणी जा बणी जा तू पतंग बणु मैं डोर तेरी ...२ .