ऐ, सभी हैं व्यस्त, पास मेरे भी समय कहाँ? सोचूँ ये हर घड़ी, खुशी कहीं क्यूँ लापता? पैसों के बल पे शायद बिक भी जाए लोग यहाँ पर सच तो ये है, प्यार से ही चलता ये जहाँ है साथ अपने तेरे खोजता क्या? क्यूँ भटकता रहता? क्या तू सच में सख़्त है या तू घुटके सहता रहता? हम रहते दूर, पर दिखे आँसू, पसीना बहता बिकने को राज़ी हम पर ख़्वाब तेरा क्या इतना महँगा? ঢল পোৱাতে শাৰ পালোঁ আজি শুনি মই কুকুৰৰ ভুঁকনি দেখি সপোন, চিনাকি লাগিও অচিন উত্তেজনিত উঠিছে ফুপনি লাগিল দেখা যেন ফুৰ্তিত ছুচৰি ফুৰা মই ঢকুৱাত দেখা যেন লাগিলে মাৰ সৈতে পিঠা খোৱা-বনোৱা মই চকুৱাত ক্ষণবোৰ আজি মই কেনেকে মিলাম? আহৰি নহয়েই ল'বলে বিৰাম কিতাপৰ বোজাটো থৈয়েই চোন ঢাপলি লগৰীয়া সৈতে উৰাব চিলা মই নোৱাৰোঁ মছিব, হই সোঁৱৰণি সৰ্ষ ৰঙেৰে ছবিবোৰ অঁকা ভাসি থাকে চকুত গধূলি ভাগৰি এছাৰি খুব খাই ঘৰলৈ অহা