... अलाप (सरगम) मैं तेरी मस्त निगाही का भरम रख लूगा, होश आया भी तो कह दूँगा मुझे होश नहीं हंगामा है क्यों बरपा, हंगामा है क्यों बरपा, हंगामा है क्यों बरपा, बरपा, हंगामा (सरगम) हंगामा है क्यों बरपा (सरगम) हंगामा है क्यों बरपा हंगामा है क्यों बरपा हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला... डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है (सरगम) हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है उस मय से नहीं मतलब दिल जिससे हो बेगाना उस मय से नहीं मतलब दिल जिससे हो बेगाना मकसूद है उस मय से, मकसूद है उस मय से, दिल ही में जो खिंचती है। हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है सूरज में लगे धब्बा फ़ितरत के करिश्मे हैं (अलाप) सूरज में लगे धब्बा फ़ितरत के करिश्मे हैं बुत हमको कहें काफ़िर, बुत हमको कहें काफ़िर, अल्लाह की मरज़ी है। हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है ना तज़ुर्बाकारी से, वाइज़ की ये बातें है ना तज़ुर्बाकारी से, वाइज़ की ये बातें है इस रंग को क्या जाने, इस रंग को क्या जाने, इस रंग को क्या जाने, पूछो तो कभी पी है हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है हर ज़र्रा चमकता है, अनवर-ए-इलाही से हर ज़र्रा चमकता है, हर ज़र्रा चमकता है, अनवर-ए-इलाही से हर सांस ये कहती है, हर सांस हर सांस ये कहती है, हम है तो खुदा भी है हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है थोड़ी सी जो पी ली है, जो पी ली है जो पी ली है... (अंत)