ज़िन्दगी भी पतंग है, ओ, प्यारे चल निकल, घर से पेचा लड़ा रे ज़िन्दगी भी पतंग है, ओ, प्यारे चल निकल, घर से पेचा लड़ा रे हार से पहले मत हार जा रे हार से पहले मत हार जा रे चल निकल, घर से पेचा लड़ा रे फुर्र-फुर्र कर उड़ती जाए तितली सी मस्ती में (फुर्र-फुर्र कर उड़ती जाए तितली सी मस्ती में) हाँ, रोज़ कबड्डी खेल के आए बादल की बस्ती में, हाँ (रोज़ कबड्डी खेल के आए बदल की बस्ती में) देख ज़रा हिम्मत है कितनी काग़ज़ की कश्ती में (देख ज़रा हिम्मत है कितनी काग़ज़ की कश्ती में) हो, रंग पतंग के शामिल कर ले तू अपनी हस्ती में तू अपनी हस्ती में ज़िन्दगी भी पतंग है, ओ, प्यारे चल निकल, घर से पेचा लड़ा रे हार से पहले मत हार जा रे चल निकल, घर से पेचा लड़ा रे (चली-चली रे पतंग, चली-चली रे पतंग) (चली-चली रे पतंग, चली-चली रे पतंग) (चली-चली रे पतंग, चली-चली रे पतंग) (चली-चली रे पतंग, चली-चली रे पतंग)