काश्मीर की कली हूँ मैं मुझ से ना रूठो, बाबू जी मुरझा गई तो फिर ना खिलूँगी कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं अरे, काश्मीर की कली हूँ मैं मुझ से ना रूठो, बाबू जी मुरझा गई तो फिर ना खिलूँगी कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रंगत मेरी बहारों में दिल की आग चनारों में रंगत मेरी बहारों में दिल की आग चनारों में कुछ तो हम से बात करो इन बहके गुलज़ारों में कुछ तो हम से बात करो इन बहके गुलज़ारों में काश्मीर की कली हूँ मैं मुझ से ना रूठो, बाबू जी मुरझा गई तो फिर ना खिलूँगी कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं अरे, काश्मीर की कली हूँ मैं मुझ से ना रूठो, बाबू जी मुरझा गई तो फिर ना खिलूँगी कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं प्यार पे गुस्सा करते हो तेरा गुस्सा हम को प्यारा है प्यार पे गुस्सा करते हो तेरा गुस्सा हम को प्यारा है यही अदा तो क़ातिल है जिसने हम को मारा है यही अदा तो क़ातिल है जिसने हम को मारा है काश्मीर की कली हूँ मैं मुझ से ना रूठो, बाबू जी मुरझा गई तो फिर ना खिलूँगी कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं अरे, काश्मीर की कली हूँ मैं मुझ से ना रूठो, बाबू जी मुरझा गई तो फिर ना खिलूँगी कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं